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देवभूमि की जड़ी-बूटी, लोभान मदार की बढ़ा रहे शान

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जायरीनों को रोग मुक्त बनाने के लिए आए दर्जनों बैध हिमालय जंगलों की औषधियांें की मांग मकनपुर में ज्यादा राहुल त्रिपाठी बिल्हौर। बद्उद्दीन जिंदाशाह मदार की दर पर देव भूमि उत्तराखंड सहित हिमालय से कई प्रकार की अनोखी चीजंे भी सजकर जायरीनों के आकर्षक का केंद्र बनी हुई हैं। जड़ी-बूटी सहित कई प्रकार की औषधीय फूल-पत्ती भी मदार साहब के करम से जायरीनों की पुरानी मर्जों को खत्म कर रही हैं। यहीं कारण है कि मकनपुर मेले में दूर-दूर से बैध, हकीमों की कई दुकानें सजी हुई हैं। उपचार करने वाले लोगों की मानें तो वह कई पीढि़यों से मदार की दर पर माथा-टेककर जायरीनों की पुरानी बीमारियों को मिटा रहे हैं। हरिद्वार से आए बैध बुर्जुग गोपाल सिंह ने बताया कि उनके पिता भी मकनपुर आकर लोगों का उपचार किया करते थे। वंश की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वह भी बीते 30 सालों से मकनपुर आकर मदार साहब की खिदमत में लगे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में जड़ी बूटी के माध्यम से कई प्रकार के लाइलाज मर्ज चुटकी में छूमंतर हो जाते हैं हिमालय की बर्फीली पहाडि़यों से चुनी गईं औषधियों से पेट के कई विकार, खाज-खुजली, नजर कम होना, फुडि़यां...

मकनपुर मदार के मेला में कब सम्मान पाएगी अबला

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दरगाह के बाहर बैठकर दुआ करतीं महिलाएं दरगाह में महिलाओं की आमद पर है मनाही    हसीनाओं के ठुमकों से मेले में बढ़ रहा आकर्षण छह सौ वर्ष से सिर्फ पुरुष कर रहे रश्म अदायगी अंदर जाने मना करने पर बाहर इबादत करती औरतें    महिला जायरीनों को दरगाह चैखट कदम रखने तक की रोक राहुल त्रिपाठी बिल्हौर। बद्दउदीन जिंदाशाह मदार का रहम देश-दुनिया में किसी से छिपा नहीं है, इतिहासकारों के अनुसार मदार साहब ने अपने जीवन में बिना किसी भेदभाव के फकीर रहते हुए सबका भला किया, इसकी मिसालें देते अब भी लोग नहीं थक रहे, लेकिन रूढ़वादी पुरानी रश्म अदागयी के कारण करीब 650 बरस भी महिलाएं मदार साहब की दरगाह के अंदर जाकर उनके दीदार से पूरी तरह अछूती और पाबंद हैं। वहीं दूसरी ओर रोज शबाब पर चढ़ रहे मेले में बंबई, दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता से आईं हुनरमंछ डांसर दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। देश के इतिहास में मकनपुर का शिजरा करीब 650 वर्ष पुराना हैं। सीरिया से आए मदार साहब ने मकनपुर में रहकर बिना किसी भेदभाव के लोगों की भलाई के वह सभी काम किए जो अल्हा-ईश्वर करते हैं। यहीं कारण है कि मदार साहब के मुरीद...

मकनपुर शरीफ में मलंगों की रुहानी तस्वीरे

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बीते दिन हुये अरौल मकनपुर के 562 उर्स के कुछ खास पल राहुल त्रिपाठी बिल्हौर (कानपुर)- मलंग बदउदीन जिंदा शाह मदार के उर्स के मुबारक मौके पर शग्लेधम्माल भी करते हैं। मलंगों की माने तो मदार साहब के देश में लाखों चेले हैं। जिनमें से कई लाखों करोड़ों के वारिस है। लेकिन उर्स के मुबारक मौके पर सब जियारत करने वो मदार साहब की मजार पर जरूर आते हैं।                                                                         MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR MAKANPUR AROL MAKANPUR RAILWAY STATION

मदार साहब की दरगाह पर सालाना उर्स में जियारत को पहुंचते देश-विदेश के जायरीन

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मदार साहब की दरगाह पर सालाना उर्स में जियारत को पहुंचते देश-विदेश के जायरीन राहुल त्रिपाठी की रिपोर्ट हजरत सैयद बदीउद्दीन अहमद जिंदा शाह कुतुबुलमदार रजितालाअन्हो का सालाना उर्स मुबारक बुधवार से शुरू हो गया। दिन में दरगाह पर गलाफ पोशी हुई। गुरुवार को मदारुल आलमीन के आस्ताने पर कश्ती को ले जाया जाएगा। कश्ती को मलंग हजरात चौकों पर भी ले जाया जाता है। यह कश्ती हजरत जानेमन जन्नती रहमतुल्लाह अलैह की रवायत से जुड़ी है। तीन दिन तक चलने वाले उर्स का मुख्य कार्यक्रम गुरुवार कौ और शुक्रवार आयोजित किया जाएगा। उर्स में शिरकत करने कौ बुधवार शाम तक गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, बिहार तथा यूपी के करीब ३० जिलों के जायरीन मकनपुर पहुंच गए हैं। हजारौं की तादाद में पहुंचे लौगौं के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई है। जिंदा शाह मदार के नाम पर कई स्थानों पर लंगर की व्यवस्था है। उर्स में प्रमुख आकर्षण मदारी मलंगों की जमात का मकनपुर में ठिकाना बन गया है। देश के कोने-कोने से एक हजार मलंग (सन्यासी) मकनपुर पहुंच गए हैं। इनके ताजदार मासूम अली शाह मदारी मलंग हैं। उर्स में आने वाले जायरीन मदार साहब की दर...

एतिहासिक मकनपुर में दरगाह पर होती कश्ती की रश्म

   एतिहासिक मकनपुर में दरगाह पर होती कश्ती की रश्म RAHUL TRIPATHI गुरुवार और शुक्रवार को होंगे मुख्य कार्यक्रम बिल्हौर। हजरत सैयद बदीउद्दीन अहमद जिंदा शाह कुतुबुलमदार रजितालाअन्हो का सालाना उर्स मुबारक बुधवार से शुरू हो गया। दिन में दरगाह पर गलाफ पोशी हुई। गुरुवार को मदारुल आलमीन के आस्ताने पर कश्ती को ले जाया जाएगा। कश्ती को मलंग हजरात चौकों पर भी ले जाया जाता है। यह कश्ती हजरत जानेमन जन्नती रहमतुल्लाह अलैह की रवायत से जुड़ी है। तीन दिन तक चलने वाले उर्स का मुख्य कार्यक्रम गुरुवार कौ और शुक्रवार आयोजित किया जाएगा। उर्स में शिरकत करने कौ बुधवार शाम तक गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, बिहार तथा यूपी के करीब ३० जिलों के जायरीन मकनपुर पहुंच गए हैं। हजारौं की तादाद में पहुंचे लौगौं के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई है। जिंदा शाह मदार के नाम पर कई स्थानों पर लंगर की व्यवस्था है। उर्स में प्रमुख आकर्षण मदारी मलंगों की जमात का मकनपुर में ठिकाना बन गया है। देश के कोने-कोने से एक हजार मलंग (सन्यासी) मकनपुर पहुंच गए हैं। इनके ताजदार मासूम अली शाह मदार...