मकनपुर उर्स में दमदार बेड़ा पार मलंगों ने किया शग्ले धम्माल

 ईशन नदी में स्नान कर मदार पर चादर चढ़ाई
 देश के कोने-कोने से हजारों ने उर्स में की शिरकत
जायरीनों के लिए मदारियों ने जगह-जगह सजाए लंगर

राहुल त्रिपाठी

बिल्हौर। बद्दउद्दीन जिंदाशाह मदार का उर्स शनिवार की रोज पूरे शबाब पर दिखा। देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में छोटे-बड़े-वाहनों और जायरीनों से पूरा मकनपुर कसबा लबालब हो गया। दिन तो दिन पूरी रात ईशन नदी और मदार की दरगाह पर माथा टेकने के लिए जायरीनों का भारी हुजूम उमडऩे से कसबे की गली-गली खचाखच भरी रही। वहीं उर्स के दौरान मकनपुर आने-वाले सभी रास्ते पूरी तरह जाम रहे। मलंगों ने रश्म अदागयी के बाद शग्ले धम्माल कर पूरे उर्स में दमदार बेड़ा पार की गूंज लगाई।
मदार साहब के उर्स की तीसरे रोज गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कश्मीर, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार आदि प्रदेशों के शहरों से करीब दो से तीन हजार छोटे-बड़े वाहनों से मकनपुर कसबा घिरा रहा। वाहनों के आसपास हजारों की संख्या में जायरीन अस्थाई तंबुओं में बारी-बारी से ईशन नदी में स्नान कर मदार पाक की दर पर चादर चढ़ाने और दुआ करने के लिए जाते दिखे। मकनपुर कसबे में हजारों लोगों के उर्स में आने के कारण गली-गली लोगों से भरी रही। दूर-दूर प्रदेशों से आए लोगों की सहूलियत के लिए कई मदारियों ने लंगर का इंतजाम भी किया। उर्स में शिरकत करने के लिए पूरे तीनों दिन लगातार जायरीनों की दुआएं जारी रहीं। गुजरात से बडोदरा से परिवार संग आईं शरीना, फरीन, नाजमी और मिनाली ने बताया कि मदार पाक के हुक्म से वह दरगाह तक नहीं जा सकतीं इसलिए उनके अब्बा और भाईजान, फूफाजान और शोहर बारी-बारी से दरगाह में जाकर रश्म अदायगी कर रहे हैं।
उधर सज्जादानशीं सैयद मुजीबुल बाकी के सामने मदार के मलंगों ने रश्म निभाते हुए अपनी-अपनी पगडिय़ां खोलकर शग्ले धम्माल किया और दमदार बेड़ा पार की दुआ की। शग्ले धम्माल के दौरान मदार साहब के उर्स में चारों ओर दमदार बेड़ा पार की दुआओं से अकीकत मंद सीधे तौर पर बद्दउद्दीन जिंदा शाह मदार से रूबरू हुए।  बिल्हौर। उर्स की भारी भीड़ होने के कारण तीन दिवसीय मदार के उर्स में ७५४ लोग अपनों से बिछड़ गए। जिसमें सर्वाधिक संख्या में छोटे-छोटे बच्चों की रही। मदार की दरगाह पर पहुंचने के सभी रास्तों पर दुकानें सज जाने से रश्म अदायगी के लिए आने वाले जायरीनों को सर्वाधिक एक-दूसरे से बिछड़े। उर्स मेला कमेटी के द्वारा कार्रवाई न होने से इस दफा मदार साहब की दरगाह पर भी बड़ी संख्यामें दुकानें सज जाने से जायरीनों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ी। उर्स में बिछड़े लोगों को मिलाने के लिए मदार शोरूम में माइक से लगातार घोषणाएं होती रहीं।
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