कुरानखानी और फातिया से मदार के उर्स का होगा आगाज
२५,२६ और २७ को सजेगा मदार का उर्स
हजारों जायरीन मदार की दर पर टेकेंगे माथा
उर्स मेला कमेटी से मदार की दरगाह को करीने की तरह सजाया
दूर-दूर से जायरीनों का आना लगातार जारी
मकनपुर मेला के बाद अब उर्स की तैयारियां जोरों पर
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बद्दउद्दीन जिंदा शाह मदार का ५९९ वां उर्स की रश्मों अदायगी जुमे के रोज से परवान चढेगी। गुरुवार को हजारों की संख्या में आए जायरीनों ने मदार की दर पर माथा टेक अमन चैन की दुआ की और मेला की सैर की। उर्स मेला कमेटी सदस्यों ने मकनपुर आने वाले लोगों के लिए बेहर इंतजाम के दावे किए हैं।
शुक्रवार यानी चांद की १६वीं तारीख को सुबह ११ बजे दादा अरगूनशाह में कुरानखामी और फातिया की रश्म अदायगी होगी। इसके बाद शाम तीन बजे मलंग कश्ती लेकर मदार की दर पर जाएंगे। मदार से लौटकर सज्जादा नाशीन बादशाह मुजीबुल बाकी का तख्तनशी मदार मैदान में तशरीफ फरमाएंगे। जहां मलंग हजरात अपना धम्माल करेंगे। इसके बाद रात में जलसे ईद मिलादुन नबी तकरीर का दौर शुरू होगा। वहीं उर्स मेला में बड़ी संख्या में वाहनों से जायरीनों का आना जारी है।
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एतिहासिक मेला मकनपुर अब धीरे-धीरे घटने लगा है दूर-दूर से आने वाले दर्शकों और जायरीनों की संख्या काफी सीमित हो गई है। इस क ारण शाम ढलते ही मेला क्षेत्र में दर्शकों की आमद का इंतजार दुकानदार करने लगे हैं। उधर मदार के उर्स के लिए मदारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बद्दउद्दीन जिंदाशाह मदार का सालाना उर्स पूरे रश्म अदायगी के साथ २५ फरवरी से शुरू होगा। इसके लिए साज्जादा नसी के ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मेले में पहले से आ चुके हजारों दर्शक, जायरीन, दुकानदार, झूला व्यापारी सहित अन्य लोग उर्स में शिरकत करने के बाद भी मदार साहब की अनुमति लेकर अपने घरों केा लौटेंगे। उर्स के लिए रोजाना नई-नई तैयारियां की जा रही हैं। इसबार कई वर्षों बाद मकनपुर मेला और उर्स साथ-साथ एक ही माह में हो रहे हैं। जिला प्रशासन के द्वारा मकनपुर का आधिकारिक मेला २२ फरवरी तक है इसके बाद से सुरक्षा, बिजली, पानी सहित तहसील और कोतवाली पुराने स्थानों से ही संचालित होने लगेगी। मेला आरंभ होने के दो सप्ताह बाद भी मेला में स्थानीय लोगों की भीड़ खरीददारी के लिए आ रही है वहीं घोड़ा, भैंस, गाय, ऊंट, खच्चर आदि की बाजारों में कुछ एक विके्रता ही बचे हैं।
हजारों जायरीन मदार की दर पर टेकेंगे माथा
उर्स मेला कमेटी से मदार की दरगाह को करीने की तरह सजाया
दूर-दूर से जायरीनों का आना लगातार जारी
मकनपुर मेला के बाद अब उर्स की तैयारियां जोरों पर
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बद्दउद्दीन जिंदा शाह मदार का ५९९ वां उर्स की रश्मों अदायगी जुमे के रोज से परवान चढेगी। गुरुवार को हजारों की संख्या में आए जायरीनों ने मदार की दर पर माथा टेक अमन चैन की दुआ की और मेला की सैर की। उर्स मेला कमेटी सदस्यों ने मकनपुर आने वाले लोगों के लिए बेहर इंतजाम के दावे किए हैं।
शुक्रवार यानी चांद की १६वीं तारीख को सुबह ११ बजे दादा अरगूनशाह में कुरानखामी और फातिया की रश्म अदायगी होगी। इसके बाद शाम तीन बजे मलंग कश्ती लेकर मदार की दर पर जाएंगे। मदार से लौटकर सज्जादा नाशीन बादशाह मुजीबुल बाकी का तख्तनशी मदार मैदान में तशरीफ फरमाएंगे। जहां मलंग हजरात अपना धम्माल करेंगे। इसके बाद रात में जलसे ईद मिलादुन नबी तकरीर का दौर शुरू होगा। वहीं उर्स मेला में बड़ी संख्या में वाहनों से जायरीनों का आना जारी है।
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एतिहासिक मेला मकनपुर अब धीरे-धीरे घटने लगा है दूर-दूर से आने वाले दर्शकों और जायरीनों की संख्या काफी सीमित हो गई है। इस क ारण शाम ढलते ही मेला क्षेत्र में दर्शकों की आमद का इंतजार दुकानदार करने लगे हैं। उधर मदार के उर्स के लिए मदारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बद्दउद्दीन जिंदाशाह मदार का सालाना उर्स पूरे रश्म अदायगी के साथ २५ फरवरी से शुरू होगा। इसके लिए साज्जादा नसी के ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मेले में पहले से आ चुके हजारों दर्शक, जायरीन, दुकानदार, झूला व्यापारी सहित अन्य लोग उर्स में शिरकत करने के बाद भी मदार साहब की अनुमति लेकर अपने घरों केा लौटेंगे। उर्स के लिए रोजाना नई-नई तैयारियां की जा रही हैं। इसबार कई वर्षों बाद मकनपुर मेला और उर्स साथ-साथ एक ही माह में हो रहे हैं। जिला प्रशासन के द्वारा मकनपुर का आधिकारिक मेला २२ फरवरी तक है इसके बाद से सुरक्षा, बिजली, पानी सहित तहसील और कोतवाली पुराने स्थानों से ही संचालित होने लगेगी। मेला आरंभ होने के दो सप्ताह बाद भी मेला में स्थानीय लोगों की भीड़ खरीददारी के लिए आ रही है वहीं घोड़ा, भैंस, गाय, ऊंट, खच्चर आदि की बाजारों में कुछ एक विके्रता ही बचे हैं।
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