दुनिया का भ्रमण कर मकनपुर में ठहरे जिंदा शाह मदार

  दुनिया का भ्रमण कर मकनपुर में ठहरे जिंदा शाह मदार 

एक बार समुद्र के रास्ते और ६ बार पैदल किया विश्व का भ्रमण

RAHUL TRIPATHI

बिल्हौर। हिंदुस्तान आने पर मदार साहब ने अजमेर के ख्वाजा से की थी मुलाकात हजरत सैयद बदीउद्दीन  जिंदाशाह कुतबुल मदार ६ बार दुिनयां का भ्रमण कर वापस सीरिया लौट गए थे। पर वह सातवीं बार हिंदुस्तान आए तो मकनपुर में ठिकाना बना लिया। और यहीं के होकर रह गए। इससे पहले जिंदाशाह मदार ने दुनिया का भ्रमण एक बार समुद्र के रास्ते तो ६ बार पैदल किया। चौथी बार हिंदुस्तान आने पर उन्होंने अजमेर में ख्वाजा साहब से मुलाकात की थी। मोहम्मद गजनवी ने जब अजमेर पर १७ वीं बार हमला किया था। उस समय जिंदाशाह मदार अजमेर में मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक जिंदाशाह मदार का जन्म २४२ हिजरी में सीरिया के शहर में हुआ था। २८२ हिजरी में जिंदाशाह मदार पहली बार समुद्र के रास्ते गुजरात के खम्माद कसबे में आए थे। यहां कुछ समय रुकने के बाद वापस सीरिया चले गए। इसके बाद ४०४ हिजरी में पैदल सीरिया से अजमेर पहुंचे। यहां दीनी इस्लाम की तालीम देने के बाद वह फिर वापस सीरिया लौट गए। वहीं ५९२ हिजरी में वह चौथी बार हिंदुस्तान आए और अजमेर के ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती से मुलाकात की। यहां से जिंदाशाह मदार कालपी, जौनपुर, नेपाल कपिलवस्तु, चीन के ताशकंद पहुंचे और दीनी तालीम देने के बाद फिर सीरिया लौट गए। इसके बाद वह फिर हिंदुस्तान आए । यहां वह गुजरात, महाराष्ट्र, केरल होते हुए श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंचे। यहां से फिर सीरिया लौट गए। छठवीं बार जिंदाशाह मदार फिर हिंदुस्तान आए और यहां से वह सफर करते हुए थाईलैंड, वर्मा और मलेशिया होकर सीरिया फिर वापस हो गए। सातवीं बार ८१८ हिजरी में जिंदाशाह मदार हिंदुस्तान के मकनपुर चले आए। इसके बाद वह मकनपुर के ही होकर रह गए। सज्जादानशीं मुजीबुल बाकी और मुफ्ती इसराफील के मुताबिक जिंदा शाह को सपना आया था कि कन्नौज के पास एक तालाब है, और वहीं उनका ठिकाना होगा। बताया कि जहां जिंदाशाह की दरगाह है वहां कभी तालाब हु्आ करता था। उनके लाखों मुरीद दुनिया में हैं। हर साल उर्स और वसंत पंचमी के मौके पर मेला लगता है।

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