गैर मुल्कों के मदार मुरीद, उर्स के मौके पर लगाएंगे आनलाइन अर्जी
गैर मुल्कों के मदार मुरीद, उर्स के मौके पर लगाएंगे आनलाइन अर्जी
तकनीक के माध्यम से दरगाह के दर्शन और अर्जी लगाने की प्रक्रिया वर्षों से जारी
बीते कई दशकों से मदार साहब पर शोध कर रहे फेयर कमेटी इंटर कालेज मकनपुर के प्रधानाचार्य सैय्यद मुक्तिदा हुसैन जाफरी ने बताया कि मदार साहब ने अपने जीवन काल में मानव सेवा में बहुत काम किया है वह मकनपुर से सीरिया तक कईबार पैदल ही आए और गए। इस कारण पूरे देश में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, बाग्लादेश, ईरान सहित खाड़ी के कई देशों में उनके कई चिल्ला यानि इबादत स्थल। इन चिल्लों में ही मदार पाक ने 40 दिन रुककर सूफी परंपरा के तहत कौमी एकता का पैगाम दिया। यह चिल्ले आज भी पूरे यूरेशिया में हैं जहां जायरीन इबादत के लिए उमड़ते हैं। 607 वर्षों में बहुत बदलाव हुए हैं, पहले पाकिस्तान के कई प्रांतों से हजारों की संख्या में लोग उर्स में आया करते थे, उन्होंने अपने बहन का निकाह पाकिस्तान में किया है, बीजा न मिलने के कारण उनके बहनोई, भतीजे आदि मकनपुर नहीं आ पाते, इसलिए वह आनलाइन तरीके से ही मदार पाक में अपनी अर्जी और इबादत करते हैं। सालाना उर्स में मदार साहब की अर्जी पाकिस्तान के साहीबाल, कराची, मुल्तान, पेशावर, हैदराबाद सिंध अब भी जायरीन आनलाइन तरीके से दरगाह से जुड़ते हैं, सोशल मीडिया का दौर है मदार पाक में अर्जी पर सात समुंदर पार से लोग लगा रहे हैंं। इसबार भी जो लोग उर्स में नहीं आ पाएंगे वह आनलाइन तकनीक से मदार साहब की चौखट पर अर्जी लगाएंगे।
मदार साहब का आज से 607 वें उर्स का होगा आगाज
- देश ही नहीं विदेश से भी बड़ी संख्या में जायरीनों के मकनपुर पहुंचने की उम्मीद
बिल्हौर। सैय्यद बदीउद्दीन जिंदाशाह मदार के 607 वें उर्स की तैयारियां इंतजामियां कमेटी ने पूरी कर ली है। रस्म अदायगी के साथ दरगाह में सालाना उर्स का आगाज होगा।
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